Mulnayak Shri Shri Adinath Bhagwan in black color seated in a padmasana posture in a shrine located in the village of Punali.
A reference is found that this temple was constructed during 11th Vikram century. During renovations in Vikram year 1657, this Mulnayak idol was consecrated. It is said that it had become necessary to change the ancient idol during renovations as both the temple and idol was damaged.
This place being an ancient one is also a miraculous place. The fiol of Prabhu is very charming captivating and also very artistic. Lot of Jain and non-Jains come here for Darshan and get their desires fulfilled. Lot of people from the nearby village throng this shrine for Darshan during Poornima every month. There is an another temple in the close proximity here.
There is no facility of staying over here right now.
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पुनाली गांव में स्थित एक मंदिर में मूलनायक श्री श्री आदिनाथ भगवान की काले रंग मूर्ति पद्मासन मुद्रा में विराजमान हैं।
ऐसा उल्लेख मिलता है कि इस मंदिर का निर्माण 11वीं विक्रम शताब्दी में हुआ था। विक्रम संवत 1657 में जीर्णोद्धार के दौरान इस मुलनायक मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। ऐसा कहा जाता है कि जीर्णोद्धार के दौरान प्राचीन मूर्ति को बदलना आवश्यक हो गया था क्योंकि मंदिर और मूर्ति दोनों क्षतिग्रस्त हो गए थे।
यह स्थान प्राचीन होने के साथ-साथ चमत्कारी स्थान भी है। प्रभु का मूर्ति अत्यंत मनमोहक, मनोरम एवं अत्यंत कलात्मक भी है। बहुत से जैन और गैर-जैन यहां दर्शन के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हर महीने पूर्णिमा के दौरान आस-पास के गाँव से बहुत से लोग दर्शन के लिए इस मंदिर में आते हैं। यहीं पास में ही एक और जैन मंदिर है।
अभी यहां रुकने की कोई सुविधा नहीं है|
Punali
Rajasthan
314 028
India
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